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Parveen Shakir

Pratinidhi Kavitayein: Parveen Shakir

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पाकिस्तान की नयी उर्दू शायरी में परवीन शाकिर की गणना प्रेम की नाजुक मूर्ति के रूप में होती हैं. परवीन का प्रेम अपने अद्वितीय अंदाज में 'नर्म सुखन' बनकर फूटा है और अपनी 'खुशबू' से उसने उर्दू शायरी की दुनिया को सराबोर कर दिया है. पाकिस्तान की ही प्रसिद्ध कवयित्राी फहमीदा रियाज के अनुसार, 'परवीन के शेरों में लोकगीतों की सी सादगी और लय भी है और क्लासिकी मौसीकी की नफ़ासत और नज़ाकत भी. उसकी नज्में और ग़ज़लें भोलेपन और सॉफिस्टिकेशन का दिलआवेज़ संगम हैं. परवीर शाकिर की शायरी का केन्द्रीय विषय 'स्त्राी' है. प्रेम में टूटी हुई, बिखरी हुई-खुद्दार स्त्राी. लेकिन उनकी शायरी की यह कोई सीमा नहीं है. वस्तुतः परवीन की शायरी प्रेम की एक ऐसी लोरी है जो अपने मद्धिम-मद्धिम सुरों से सोते हुओं को जगाने का काम करती है. परवीन की शायरी में रूमानियत भी है और गहरी ऐंद्रिकता भी, पर कहीं भी ऐसा नहीं लगता कि सामने की दुनिया सिर्फ एक सपना है. अपनी सूक्ष्म यथार्थपरकता के कारण ही मुख्य रूप से 'स्त्राी' और 'प्रेम' को आधार बनाकर लिखी गई ये कविताएँ अनुभूति के व्यापक द्वार खोलती हैं.
2:57:34
Upphovsrättsinnehavare
Bookwire
Utgivningsår
2019
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